Krishna Ella Biography in Hindi

जब भी कोई वैश्विक बीमारी आई है तो उसकी वैक्सीन को तैयार करने में बहुत वर्षों का समय लगा है। ऐसे में कोविड-19 जैसी बीमारी के लिए बहुत कम समय में आज भारत में ही खुद की वैक्सीन बनकर तैयार हो चुकी है। इसकी सफलता के लिए किसी एक व्यक्ति का पूरा दृढ़ विश्वास रहा है। वह मुख्य व्यक्ति भारत बायोटेक कंपनी के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर डॉक्टर कृष्णमूर्ति एला है। आज हम आपको krishna ella biography  के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं

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डॉ कृष्णा इला भारतीय बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक भी हैं। इसके अलावा वह एक वैज्ञानिक और सक्सेसफुल बिजनेसमैन भी हैं। डॉक्टर कृष्ण एला ने भारत में अपनी पहली स्वदेशी को वैक्सीन की खोज करके एक अलग ही मुकाम को हासिल कर दिया है। भारत सरकार के द्वारा डॉक्टर कृष्ण लीला के इस वैक्सीन के अहम योगदान के लिए उनको पद्मभूषण से सम्मानित करने का भी फैसला लिया गया है। 

भारत में जब इस वैक्सीन को अप्रूवल मिला था तो इसके विषय में भी बहुत से राजनीतिक विवादों और अफवाहों का सामना करना पड़ा था। लेकिन इन तमाम अफवाहों और विवादों के हालातों का सामना करते हुए डॉक्टर कृष्ण एला ने उन सभी को एक चुनौती की तरह स्वीकार कर लिया था और उन सभी के जवाब भी दिए थे। देश की पहली इस उद्देश्य वैक्सीन को बनाने के लिए डॉक्टर कृष्णमूर्ति इला ने अपना पूरा समय दिया था। आज हम आपको krishna ella biography  के बारे में विस्तार से बताने जा रहे हैं..

 In Short Krishna Ella Biography in Hindi

नाम Krishna ella
पूरा नाम डॉ कृष्णा मूर्ति एला
जन्मतिथि 11 मार्च सन 1969
उम्र 51 वर्ष
जन्मस्थान थिरुथानी, तमिल नाडु
राष्ट्रीयता भारतीय
धर्म हिंदू
प्रोफेशन साइंटिस्ट, उद्योगपति
जाने जाते हैं फाउंडर चेयरमैन भारत बायोटेक कंपनी
विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई
शिक्षा PHD
पत्नी सुचित्रा
बच्चे रेचक और वीरेंद्र देव

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कृष्णा एला के जीवन की शुरुआत (Krishna Ella Biography)

कृष्णा लीला का जन्म एक किसान परिवार में भारत के तमिलनाडु राज्य में हुआ था इनका परिवार एक किसान परिवार था इसीलिए इनका शुरू से खेतीवाड़ी से बहुत जुड़ाव देखने को मिला था। इसके पहले इनके परिवार में से ना तो किसी को बिजनेस करने का अनुभव था ना ही नौकरी करने का अनुभव था क्योंकि यह सभी लोग एक किसान परिवार को बिलॉन्ग करते है। डॉक्टर कृष्णा ने भी किसान परिवार से जुड़े होने के कारण अपना ग्रेजुएशन B एग्रीकल्चर में ही किया था। क्योंकि सारा परिवार किसान परिवार था, लेकिन इनके पिता ने कृष्णा एला को नौकरी करने के लिए प्रेरित किया। 

कृष्णा एला के जीवन में एक बड़ा परिवर्तन आया। जब यह एक फिलोसोफी से मिले तो उन्होंने इनको आगे की पढ़ाई के लिए कहा उसके बाद यह अमेरिका चले गए। वहा  यूनिवर्सिटी ऑफ हवाई से अपना पोस्ट ग्रेजुएशन कंप्लीट किया और फिर उन्होंने पीएचडी की पढ़ाई को भी पूरा किया था उसके बाद इन्होंने मॉलिक्यूलर बायोलॉजी में अपनी दक्षता को हासिल किया था और फिर यह वही पर अमेरिका में ही रहने लग गए थे उसके बाद इन्होंने भारत आने का निर्णय अपनी मां और पत्नी के कहने पर बना लिया था जो कि आज आप सभी के सामने है यह उनका निर्णय आज देश के लिए वरदान के रूप में साबित हुआ है।

 krishna ella का पारिवारिक परिचय

कृष्णा एला का पूरा नाम डॉक्टर कृष्णमूर्ति एला है। डॉ कृष्णा एला का जन्म 11 मार्च 1969 को तमिलनाडु में हुआ था। इनके माता-पिता और अन्य परिवार के विषय में ज्यादा जानकारी नहीं है। लेकिन डॉक्टर कृष्णमूर्ति का विवाह सुचित्रा एला से हुआ था। और इनके दो बेटे रेचस और वीरेंद्र देव है। यह अपने पूरे परिवार के साथ में बेंगलुरु में निवास करते हैं।

Krishna ella का कैरियर

डॉ कृष्णा इलाका बायोकेमेस्ट्री में शुरुआत से ही बहुत नकाब रहा है। जब इन्होंने पीएचडी की डिग्री को हासिल किया था। उसके बाद भी यूनिवर्सिटी ऑफ विस्कॉन्सिन में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर कार्य करने लग गए थे। कृष्णा ella एक आंत्रप्रेन्योर के रूप में इन्होंने अपने कैरियर को सन 1996 में शुरू किया था। उस समय डॉ कृष्णा ने भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड कंपनी की शुरुआत की थी। इन्होंने शुरुआत से ही भारत बायोटेक को इंटरनेशनल लेवल तक पहुंचाने का कार्य किया था।

 आज भारत बायोटेक में अनेक प्रकार की व्यक्ति बनाई जाती है। भारत बायोटेक यूनिसेफ प्रोग्राम के अंतर्गत गरीब देशों को भी अपनी वैक्सीन उपलब्ध करवाता है। डॉ कृष्णा व्यक्ति बनाने से लेकर फूड प्रोसेसिंग के फील्ड में भी अपना अच्छा काम कर रहे हैं। इसके अलावा भारत में साइंस एजुकेशन की पॉलिसी को भी बेहतर बनाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके अंतर्गत इन्होंने नेशनल और इंटरनेशनल लेवल की कमेटियों का गठन भी किया है।

भारत में बायोटेक की शुरुआत

कृष्ण एला जब अमेरिका में थे तो अपना जॉब करने का अनुभव साथ में लेकर अपनी पत्नी और मां के कहने पर अपने देश में वापस आए, तो उस समय में इंडिया में हेपेटाइटिस वैक्सीन की कीमत ₹5000 के करीब होती थी। उसी समय डॉ कृष्णा ने अपना मन बना लिया था कि वह इस तरह की वैक्सीन का निर्माण खुद करेंगे। इसी के लिए इन्होंने हैदराबाद में भारत बायोटेक नाम की कंपनी की शुरुआत की और मात्र ₹10 में इन्होंने हेपिटाइटिस वैक्सीन का निर्माण किया था।

भारत मे कोवैक्सीन का निर्माण

आप सभी जानते हैं कि कोविड-19 सबसे पहले चाइना में आया था। धीरे-धीरे इसका प्रभाव संपूर्ण विश्व में फैल गया था। सभी देश इस भयानक बीमारी से लड़ रहे थे। ऐसे में सभी देशों के द्वारा वैक्सीन के निर्माण का कार्य बड़े जोर से चल रहा था। अधिकतर हमारे देश में वैक्सीन के निर्माण के लिए विदेशी कंपनियों का ही दबदबा रहा था। वैक्सीन के निर्माण के क्षेत्र में सबसे पहले चाइना ने अपना कदम रखा। विदेशी सभी बड़े कंपनियां वैक्सीन के रिसर्च डेवलपमेंट में रात और दिन काम में लगी हुई थी। इन्हीं सब वजहों को देखते हुए डॉक्टर कृष्ण एला ने भी इस कोविड-19 के लिए वैक्सीन बनाने का निर्णय बना लिया। इसके लिए डॉ कृष्णा इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च जिसे आईसीएमआर के नाम पर आज सभी जानते हैं। उनके साथ ज्वाइंट वेंचर बनाया और रात दिन इस वैक्सीन को बनाने में लग गए। इसका रिजल्ट आज आप सभी के सामने हैं, आज भारत गर्व से कह सकते है। उसके पास अपनी खुद की मेड इन इंडिया वैक्सीन मौजूद है। अब तक यह वैक्सीन कोवैक्सीन लाखों लोगों को अब तक लगाई जा चुकी है।

बायोवेट व इनोवा फूड पार्क की शुरुआत

डॉ कृष्णा एला आज वैक्सीन के निर्माण के क्षेत्र में तो कार्य कर ही रहे हैं। इसके अलावा उन्होंने दो बड़ी कंपनियों की स्थापना की थी। जिसका नाम बायोवेट और इनोवा फूड रखा है। बायोवेट किसानों के साथ में मिलकर सभी प्रकार के जानवरों की वैक्सीन निर्माण करने वाली कंपनी है। और किसानों के साथ काम भी कर रही है। इसके द्वारा सभी जानवरों में होने वाली बीमारियों को रोका जा सकता है।

 इसके अलावा इनोवा फ़ूड पार्क के द्वारा उनका लक्ष्य किसानों के साथ में मिलकर नई टेक्नोलॉजी का निर्माण करना था। जिससे कि किसानों के द्वारा की जाने वाली खेती का स्तर और भी ऊंचा उठाया जा सके। किसान अपने पैदा होने वाले उत्पाद को आसानी से मार्केट में इसकी सहायता से सही दामों में इन उत्पादों को आसानी से बेच सके। इसके अलावा डॉ कृष्णा की अभी तक यही कोशिश रही है कि वह उच्च टेक्नोलॉजी का प्रयोग करके खेती के पुराने तरीकों को बदलकर उन को कम लागत में अच्छा करने की कोशिश करें।

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Krishna Ella के अवॉर्ड व सम्मान

डॉ कृष्णा एला के अगर अवार्ड और सम्मान की बात किया जाए तो इन को भारत में ही नहीं बल्कि विदेश में किए गए कार्यों के लिए भी इनको सम्मानित किया गया है

  • JRT टाटा बेस्ट आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर का अवार्ड दिया गया।
  • यूनिवर्सिटी ऑफ़ साउथ कैलिफोर्निया एशिया पेसिफिक लीडरशिप अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
  • मैरिको इनोवेशन अवार्ड दिया।
  • ईटी नाव की तरफ से स्पेशल हेल्थ केयर अवार्ड दिया गया।

Conclusion

आज हमने आपको krishna ella biography के बारे में जानकारी प्रदान की है। हमें उम्मीद है कि आपको जो भी हमने इस आर्टिकल में जानकारी दिए वह पसंद आई होगी। किसी तरह की जानकारियों से अगर आप जुड़े रहना चाहते हैं तो आप हमारी वेबसाइट पर कंटिन्यू विजिट कर सकते हैं इसके अलावा यह पोस्ट अगर आपको पसंद आए तो कमेंट करके जरूर बताएं।

FAQs

Q.1 डॉ कृष्णा का पूरा नाम क्या है?
A. डॉक्टर कृष्णमूर्ति एला

Q.2 डॉ कृष्णा एला का जन्म कब व कहां हुआ?
A.11 मार्च 1969 तमिलनाडु के पास

Q.3 भारत बायोटेक की स्थापना कृष्णा एला ने कब की थी?
A.सन 1996 में

Q.4 पहली बार भारत बायोटेक के द्वारा कौन से व्यक्ति बनाई गई थी?
A. हेपेटाइटिस

Q.5 कोविड-19 वैक्सीन के लिए कौनसी लैब की जरूरत पड़ी थी?
A. जैव सुरक्षा स्तर-3

Q.6 डॉ कृष्णा एला की वाइफ का क्या नाम है?
A.सुचित्रा एला

Q.7 क्या डॉ कृष्णा एला के बच्चे भी है?
A.जी बिल्कुल 2 बेटे हैं।

Q.8 भारत बायोटेक कंपनी में डॉ कृष्णा कौन है?
A. फाउंडर चेयरमैन

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रोहन सिन्हा hindiinsider.com पर एक लेखक है जो पिछले 1 साल से इस वेबसाइट पर कंटेंट लिख रहे है यह business,finance,biography etc के बारे में पिछले 5 साल से लिख रहे है

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