नमस्कार दोस्तो कैसे है आप हम इस आर्टिकल में आपको गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है ? (Goldfish ka scientific naam kya hai) के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है । हम आपको बता दे की गोल्डफिश का साइंटिफिक नेम कैरासियस औराटस है ।
दोस्तो आज के समय मे आप टेलीविजन में एक विज्ञापन रोज देखते होंगे जिसपे एक बूढ़ा आदमी अपनी पोती से पूछता है कि गोल्ड फिश का साइंटिफिक नाम क्या है और आखिर यही सवाल उसने क्यों पूछा चलिये जानते है ।
गोल्ड फिश की खोज –
पुरानी कथाओं और जनाकारी के अनुसार गोल्ड फिश की खोज चीन में हुई थी । प्राचीन चीन के समय जंतुओं को पाल थे।
उस समय गोल्ड फिश को खाने के लिये उपयोग करते है । ये चांदी और धसूर ( ग्रे) रंग की थी । इनकी जानकारी सबसे पहले जिन राजवंश ने इकठ्ठा करवाई ।
इसके बाद तांग वंस ने सुंदर तालाब बनावा कर उसमें सुदंर मछलियों को पालना शुरू किया । मछलीपालन धीरे – धीरे प्रचलित होने लगा । लोग अपने घर मे छोटे – छोटे तालाब बनाकर उसमें मछलियों को पालने लगे । फिर मछलियों के रंग में परिवर्तन भी शुरू हो गया , वह धीरे – धीरे समय के साथ चांदी के रंग से सुनहरे रंग में परिवर्तित होने लगी।
तांग वंस के बाद सांग वंस की महारानी ने लाल रंग और गोल्डन रंग की मछलियों को इकठ्ठा करना शुरू किया। सांग वंश के समय लोगो को सुनहरे रंग की मछली रखने की अनुमति नही थी , गोल्ड फिश रखने का हक सिर्फ राजवंश के लोगो के पास था क्योंकि गोल्ड फिश का रंग राजवंस का प्रतीक था ।
15 सदी में जापान में गोल्ड फिश की पहचान कराई की गई जहाँ गोल्ड फिश की युक्रिन और तोस्किन नाम की नई प्रजाति बनाई गयी।
फिर 16 वी सदी में पुर्तगाल में गोल्ड फिश को खोजा गया जहाँ से ये पूरे यूरोप में फैल गयी । इनके गोल्डन रंग के कारण इनकी मांग ज्यादा थी ।
जब ये बहुत कम थी तब यूरोप में किसी व्यक्ति को सर्वोच्च इनाम में गोल्डन फिश दी जाने लगीं। यहां अब अगर शादी के पहली विवाह वर्ष गांठ में उपहार के रूप में दी जाने लगी। ये आगे कई वर्ष तक खुशी और सम्रद्धि का प्रतीक रही।
लेकिन जल्द ही इस प्रथा का अंत हो गया क्योंकि इनकी तादाद बहुत ज़्यादा हो गयी और ये आसानी से पाये जाने लगीं।
18 वी सदी में दक्षिण अमेरिका में गोल्ड फिश पाई गयी। धीरे धीरे ये पूरे अमेरिका में प्रचिलत हो गयी।
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गोल्ड फिश का साइंटिफिक नेम – कैरासियस औराटस
आकर – 18 – 20 सेंटीमीटर
उम्र – 6- 8 वर्ष
लंबाई – 40 से 45 सेंटीमीटर तक
वजन – 9.5 से 9.9 पाउंड (4 किलो तक )तक हो सकता है
गोल्ड फिश को पालने का धर्मिक पक्ष
गोल्ड फिश को पालने से घर मे सुख ,समृद्धि के साथ घर मे वातावरण शांत रहता है। ऐसी मान्यता है कि साल के पहले दिन कोई आपको उपहार में गोल्ड फिश दे तो आपको साल भर सुख प्राप्त होता है ।
गोल्ड फिश को किस फैमिली रखा गया है
गोल्ड फिश को कार्प फैमिली में रखा गया है क्योंकि इस फैमिली में मत्स्य पालन के जीव को रखा जाता है ।
गोल्ड फिश कितनी प्रकार की होती है
गोल्ड फिश के वैसे हज़ारों प्रजाति अभी तक पाई गयी है और शायद आने वाले समय मे इनकी जातियां लाखो में हो , लेकिन हम यहाँ आपको कुछ जातियों की जानकारी दे रहे है-
शुबनकीं गोल्ड फिश –
ये गोल्ड फिश बहुत सुदंर होती है साथ मे ये काफी प्रचलित है। इनकी उम्र 10-15 वर्ष रहती है अगर इनको सही वातावरण मिले तो । इनका आकार 12 सेंटीमीटर होता है ,ये कॉमन गोल्ड फिश से काफी मिलती जुलती है। इनको पहली बार 1900 में जापान में तैयार किया गया था।
कॉमन गोल्ड फिश-
इस गोल्डफिश का जैसा नाम है ये वैसी दिखती भी है । ये अलग – अलग रंग में पायी जाती है इनका आकर भी समान होता है ।
बबल आई गोल्ड फिश-
इस गोल्ड फिश की दोनो आंखों के अगल बगल दो थैली होती है जिसमें एक द्रव भरा रहता है जिससे कोशिका वृद्धि होती है ।
टेलिस्कोप गोल्ड फिश-
इस गोल्ड फिश को इसलियें टेलिस्कोप गोल्ड फीस नाम दिया गया क्योंकि इसकी आंखे टेलिस्कोप (दूरबीन) जैसी है । इसका एक दूसरा नाम है जिसे ड्रैगन आईज भी कहते है जिसका अर्थ है ड्रैगन जैसी आंखे ।इसे सबसे पहले चीन में विकसित किया गया था।
बटरफ्लाई गोल्ड फिश –
इसकी आंखे टेलिस्कोप गोल्ड फिश जैसी होती है लेकिन ये कहना गलत नही होगा कि सबसे सुदंर गोल्ड फिश में से एक ये होती है क्योंकि इनकी पूंछ में तितली जैसे होती है । जब ये पानी तैरती है तो लगता है पूंछ में तितली बैठी हो।
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गोल्ड फिश को पालने की विधि
अगर आप गोल्ड फिश को घर मे पालन चाहते है तो आपको कुछ नियमो को मनाना पड़ेगा-
- गोल्ड फिश के टैंक को ऐसी जगह रखे जहाँ तापमान 18 से 24 डिग्री के बीच रहे।
- गोल्ड फिश के टैंक ऐसा हो जिसमें उसके बच्चो को छिपाया जा सके , क्योंकि गोल्ड फिश को जब भूख लगती है तो वो अपने बच्चों तक को खा सकती है ।
- गोल्ड फिश को एक साथ ज़्यादा खाना ना दे , ऊपर हमने आपको जनाकारी दी है कि गोल्ड फिश का पेट नही होता है इस करण से सिर्फ वो अपने पाचन तक के लिये भोजन ग्रहण करती है ।
- गोल्ड फिश काफी शांत स्वभाव और जल्दी मेलजोल करने वाली मछली होती है इसलियें इनके साथ आप दूसरी गोल्ड फिश को रख सकते है।
गोल्ड फिश को लेकर कुछ रोचक तथ्य –
- गोल्ड फिश जिस तालाब में रहती है वहाँ का पानी कम होने लगता है क्योंकि गोल्ड लैक्टिक एसिड बनाती है जिस कारण से तालाब का पानी धीरे – धीरे कम होने लगता है।
- गोल्ड फिश के दांत पीछे की ओर होते है , अगर उनके दांत के पास कोई भी चीजे आती है तो वह उसको खा जायेगी चाहे वो उसके बच्चे ही क्यों ना हो ।
- गोल्ड फिश कभी अपनी आंख बंद नही करती है ।
- गोल्ड फिश का पेट नही होता है इसलिए वो ज़्यादा भोजन करने की जगह पाचन के लायक भोजन करती है ।
तो दोस्तो आशा करते है की आपको आज का हमारा यह आर्टिकल गोल्डफिश का साइंटिफिक नाम क्या है (Goldfish ka scientific naam kya hai ) जरूर पसंद आया होगा ।
धन्यवाद हमारी पोस्ट पढ़ने के लिये ऐसी पोस्ट रोज पढ़ने के लिये हमारे वेबसाइट पर रोज आये धन्यवाद ।
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